अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत सभी ब्रिक्स देशों पर टैरिफ लगाने की फिर से धमकी दी है। ट्रंप ने ब्रिक्स को डॉलर पर हमला बताया। उन्होंने यह भी बताया कि ब्रिक्स कैसे अमेरिका के लिए खतरा है।
ट्रंप ने कहा, “मैंने साफ़ तौर पर कहा है कि जो भी देश ब्रिक्स में शामिल होना चाहता है, वह ऐसा कर सकता है, लेकिन हम उन पर भारी टैरिफ लगाएंगे, और अब वे सभी देश ब्रिक्स छोड़ रहे हैं। ब्रिक्स डॉलर पर हमला था, लेकिन अब वह समस्या खत्म हो गई है।” ट्रंप ने टैरिफ वाले ब्रिक्स देशों को चेतावनी देते हुए कहा, “ब्रिक्स डॉलर पर हमला है।”
मैं डॉलर को लेकर बहुत आशावादी हूँ, और जो कोई भी डॉलर में व्यापार करना चाहता है, उसे उन लोगों पर बढ़त हासिल है जो ऐसा नहीं करना चाहते। जो कोई भी ब्रिक्स में रहना चाहता है, उसे कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन हम आपके देश पर टैरिफ लगाने जा रहे हैं।” ब्रिक्स डॉलर पर हमला था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिक्स देशों, खासकर भारत पर अपने टैरिफ को दोगुना कर दिया।
गौरतलब है कि शुरुआत में 25% टैरिफ लगाया गया था, और बाद में रूसी तेल खरीद के कारण इसे बढ़ाकर 50% कर दिया गया। ट्रंप ने इस समूह को अमेरिका-विरोधी बताया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा, “मैंने उन सभी से कहा है जो ब्रिक्स में बने रहना चाहते हैं, कोई बात नहीं, लेकिन हम आपके देश पर टैरिफ लगाएँगे।” “सब बाहर हैं।”
उन्होंने कहा, “वे सभी ब्रिक्स छोड़ रहे हैं। ब्रिक्स डॉलर पर हमला था और मैंने कहा था, ‘यदि आप यह खेल खेलना चाहते हैं, तो मैं संयुक्त राज्य अमेरिका में आने वाले आपके सभी सामानों पर टैरिफ लगा दूंगा।'” ट्रम्प ने ब्रिक्स देशों के बारे में यह बयान उस समय दिया जब अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मेली उनके साथ मौजूद थे।
इसका मतलब है कि उन्होंने अर्जेंटीना के राष्ट्रपति के सामने बैठकर ब्रिक्स पर अपना भाषण दिया। ब्रिक्स के अलावा, ट्रंप ने चीन को भी कड़ी चेतावनी दी। उन्होंने यह भी कहा कि चीन इस तरह से अमेरिका को परेशान कर रहा है। अपने बयान में ट्रंप ने कहा, “मेरा मानना है कि चीन द्वारा जानबूझकर हमारे सोयाबीन खरीदने से इनकार करना और हमारे सोयाबीन किसानों के लिए मुश्किलें खड़ी करना आर्थिक रूप से नुकसानदेह कदम है।” जवाबी कार्रवाई के तौर पर, हम चीन के साथ खाना पकाने के तेल और अन्य क्षेत्रों में अपना व्यापार बंद करने पर विचार कर रहे हैं।
उदाहरण के लिए, हम आसानी से अपना खाना पकाने का तेल खुद बना सकते हैं; हमें इसे चीन से खरीदने की ज़रूरत नहीं है। गौरतलब है कि चीन और अमेरिका के बीच संबंधों में भी तनाव बढ़ रहा है। चीन दुर्लभ मृदा खनिजों पर नई नीतियाँ बना रहा है, जिससे अमेरिका की समस्याएँ और बढ़ रही हैं।
गौरतलब है कि अमेरिकी टैरिफ के विरोध में ब्रिक्स देश एक-दूसरे के करीब आ गए हैं, जिससे ट्रंप नाराज हैं। ट्रंप ने ब्रिक्स नीति का उल्लंघन करने वाले किसी भी देश पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाने की धमकी भी दी है। हालांकि, ट्रंप की धमकी के बीच भारत ने उदार और समझौतावादी रुख अपनाया है।
भारतीय विदेश मंत्री एफ जयशंकर ने कहा कि हम डॉलर की भूमिका को लेकर यथार्थवादी हैं और हमें इससे कोई समस्या नहीं है।
भारत पहले ही कह चुका है कि उसे डॉलर को कमज़ोर करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। ब्रिक्स में ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं। लेकिन 2024 में मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को भी इसमें शामिल किया गया। इंडोनेशिया को भी 2025 में इस सूची में शामिल किया गया।